आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Tuesday, December 30, 2008

मरुस्थल को मेरे मधुवन बना दो।


शक्ति पराक्रम प्रतिमा हैं आप तो।

सद्गुणों की भावना हम में जगा दो॥

सद्गुणों की भावना हम में जगा दो।

दिशा.................................॥

शौर्य और साहस का संगम हैं आप तो।

मरुस्थल को मेरे मधुवन बना दो॥

मरुस्थल को मेरे मधुवन बना दो।

दिशा.....................................॥

2 comments:

ashish said...

Very Nice

Truth Eternal said...

guru ki rahamaten sab par barse nav varsh men