दिशा हीन है हम दिशा खोजते हैं।
दृष्टि लगाए हम, तुम्हें देखते हैं॥
दिशा......................॥
धरती पे देखा मानवता लुप्त है।
पोषण ज़रा तुम उसे तो करा दो॥
पोषण ज़रा तुम उसे तो करा दो।
दिशा........................॥
अमृत कलंश है आपकी वाणी।
वाणी का अमृत हमें भी पिला दो॥
वाणी का अमृत हमें भी पिला दो।
दिशा............................॥
प्रस्तुति : अंजलि शर्मा
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