आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Friday, December 12, 2008

बाइबिल और तंत्र

रेव संतोष Paandey (धर्म पुरोहित ) चर्च ऑफ़ अस्सेंसिओंस अलीगढ

वर्तमान संसार में प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी क्षेत्र में अपने से अत्यधिक शक्तिशाली या अदृश्य ताकत की खोज में लगे रहते हैं। यह मानव जीवन के प्रत्येक सोपान में पाया जाता है उदाहरण स्वरूपः युवा किशोर या लड़की का राशिफल देखना, ओझा या तांत्रिक द्वारा किसी अदृश्य शक्ति की खोज तंत्र साधना द्वारा करना। वैज्ञानिकों द्वारा आकाशमंडल में छुपे रहस्यों की खोज+ करना। इसके अलावा ऐसे कई उदाहरण हमारे चारों ओर हैं जिनमें नरबलि तथा पशु बलि इत्यादि का सहारा लेकर तंत्र साधना की जाती है। जितनी कठिन एवं बड़ी साधना होगी उतनी ही अदृश्य ताकत प्राप्त होगी। उपरोक्त साधनाओं में हित के साथ-साथ किसी न किसी का अहित ही होता है और वह मानव ही है। कभी-कभी यह तंत्र-मंत्र जादू-टोना का रूप ले लेता है जिसका अर्थ है लैटिन भाषा में ÷÷छुपा हुआ या ढ़का हुआ।''

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