श्रवण के प्रथम चरण को हम घर पर पूरा कर लेते हैं और तृतीय चरण गुरु के साथ रहकर करना है। मध्य के चरण के लिए हमें किसी दूसरे की जरूरत होती है। हमारा सुझाव है कि इस निमित्त अपने ग्राम स्तर पर सभी साथी एक जगह सप्ताह में एक बार अवश्य एकत्रित हों। इस साप्ताहिक सत्संग को सुविधा के अनुसार किसी भी दिन का रख सकते हैं। वैसे रविवार को सभी का अवकाश रहता है। अतः प्रत्येक रविवार को एक दो घण्टे के लिए किसी एक स्थान पर एकत्रित हो जाऐं। गुरु ज्ञान की चर्चा करें। दूसरों की सुनें और अपनी सुनाऐं। आस पास के ग्रामों के लोगों के साथ प्रत्येक माह की ४ तारीख को किसी जगह एकत्रित हों। वहाँ पर एक केन्द्र बना लें, आपसी वार्तालाप करें। रुद्र संदेश को सुनें और दूसरों को सुनाऐं। इससे आपके अंदर चेतना का विकास होगा। इस मासिक कार्यक्रम की सूचना उपस्थित श्रावकों आदि के सम्बन्ध में पत्रिका में लेख भी भेजें तो और भी उत्तम रहेगा। इस स्तर तक विसित श्रावकों को गुरुदेव स्वतः ही अपने पास बुला लेंगे और उनको सत्यमार्ग साधना के आत्मसातीकरण की प्रक्रिया सिखा देंगे।
Sunday, December 21, 2008
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