आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Monday, December 15, 2008

ज्ञान की क्रियात्मक अवस्था का नाम तन्त्र है


ज्ञान की क्रियात्मक अवस्था का नाम तन्त्र है -सोनम

तन्त्र एक मध्यवर्ती बिन्दु है। इसके पहले मन्त्र है और बाद में यन्त्र। मनन के द्वारा पदार्थों को उनके मूल रूप में जानना मन्त्र है। उन पदार्थों के संयोग और मिश्रण के द्वारा सम्भावित स्थितियों को जानना तन्त्र है तथा उस संयोग और मिश्रण को अक्षरों अङ्कों रेखाओं के द्वारा चिकिृत करना यन्त्र है। दूसरे रूप में हम कह सकते हैं कि परमसत्ता का अपने ऐश्वर्य से ज्ञानमय रूप प्राप्त करना मन्त्र है। इस ज्ञान की क्रियात्मक अवस्था का नाम तन्त्र है और इस क्रिया को व्यक्त करने का माध्यम यन्त्र है।

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