ऐ मन मौजी मनुआ मेरे
अब मेरे साथ भी वक्त गुजार,
बहुत दिनों से तेरी मेरी
मिल जुल कर ना बात हुई।
भोगो की इस दुनियाँ में
तू तो इतना मस्त हुआ,
नेकी का जो काम मिला
वो भी तूने भुला दिया।
एै मन मौजी............॥
ऐ मन मौजी मनुआ मेरे
अब मेरे साथ भी वक्त गुजार,
बहुत दिनों से तेरी मेरी
मिल जुल कर ना बात हुई।
भोगो की इस दुनियाँ में
तू तो इतना मस्त हुआ,
नेकी का जो काम मिला
वो भी तूने भुला दिया।
एै मन मौजी............॥
1 comment:
wah kya man ki bbat ki hain
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