२. मनन :- साधना के प्रथम चरण में इस पद्यति में प्रवेश लेकर एक माह तक गुरुदेव द्वारा विरचित ज्ञानयोग चर्चा का श्रवण करता है तथा अपना जीवन अनुशासित रखना सीखता है जिसके अंतर्गत प्रातः एवं संध्याकाल में दीप प्रज्वलित कर उसके सम्मुख बैठकर आधा घण्टा प्रातः व आधा घण्टा सायंकाल कैसेट, ब्ण्क्ण् का श्रवण या पुस्तकों का ध्यानपूर्वक पढ़ता है। रात्रि को सोने से पूर्व दस मिनट के लिए शवासन की मुद्रा में आज के दिन श्रवण किए गए ज्ञान वाक्यों का मनन करता है। एक माह के निरंतर श्रवण एवं मनन करने पर वह श्रावक बन जाता है।
Saturday, November 8, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Labels
Bhagawad
(1)
bible
(17)
diwali
(2)
FAQ
(3)
female
(5)
gandhi
(1)
gita
(8)
guru
(7)
holi
(1)
islam
(6)
jainism
(2)
karma
(1)
katha
(1)
kavita
(26)
meditation
(1)
mukti
(1)
news
(1)
prayer
(10)
rudra
(3)
Rudragiri
(1)
science and vedas
(6)
science and वेदस
(1)
spirituality
(147)
sukh
(6)
tantra
(31)
truth
(28)
vairgya
(1)
vastu
(2)
xmas
(1)
yeshu
(1)
गुरु
(4)
धर्मं
(3)
बोध कथा
(5)
स्पिरितुअलिटी
(2)
No comments:
Post a Comment