आत्मसातीकरण :- एक श्रावक को साधना के पथ पर आगे बढ़ने के लिए तथा सत्य को आत्मसात करने के लिए गुरुदेव के पावन सानिध्य में कम से कम तीन दिन रहकर अनुशासित जीवन व्यतीत करते हुए साधना करने की प्रक्रिया को सीखना होता है जिसको सीखकर निरंतर करते रहने से वह सत्य को आत्मसात करने योग्य साधक बन जाता है। यह अत्यंत ही सरल एवं सहज पद्धति है। जो श्री गुरुदेव के दीक्षित शिष्य बनना चाहें वे श्रावक बनकर साधना करते हुए सत्य को आत्मसात कर सकते हैं। आओ बढ़कर इस अवसर का लाभ उठाएं। सत्य के सागर में गोते लगाने हेतु उद्यत हों। कृपया उक्त के संदर्भ में अपने विचार संप्रेषित करें।
हमारा पता है- रुद्र संदेश १ शारदापुरम, क्वार्सी थाने के सामने, रामघाट रोड, अलीगढ़-२०२००१
1 comment:
Mujhe Pujya Gurudev se milana hai.
Krapa kar mujhe unse milane ka samay tathaa sthhaan bataiega.
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