आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Tuesday, March 10, 2009

भूले न 'रुद्र' तेरी भक्ति,

दामन में कभी काँटों से
जीवन को सआना होगा।
पतझड़ में बसा दिल अपना
कलियाँ को भुलाना होगा।
लहरों को बनाकर कस्ती,
हर क्षण तेरी याद की मस्ती
भूले न 'रुद्र' तेरी भक्ति,
तेरे चरणों सी हस्ती॥
जीवन..................................

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