माई बहिन की नाक कटाई
कुल बूढ़ यौसब उमरि गँवाई
मरि मरि गये शरीर नरक में मीर
खलों की मइया व्यथा हरौ....................
सबरी शरम उतारि धरी है
मात पितन कूँ विपति करी है
'रुद्र' हमारे ईष्ट हम हैं सब भ्रष्ट
खलों की मइया व्यथा हरौ खल मण्डल....................
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