वह स्थान बदलता है, दर्द, शोर व रोशनी पर प्रतिक्रिया करता है यहाँ तक कि उसे हिचकियाँ भी आती हैं। उसके बाद तो वह बस आकार में बढ़ता है व उसके बाल आदि उगते हैं। डाक्टरों को गर्भपात कराने आने वाले लागों को इन बातों की पूरी जानकारी देनी चाहिए, जिससे कि उन्हें पता चल सके कि जिसे वह खत्म करवाने आए हैं वह मात्र एक मांस का टुकड़ा नहीं उनका बच्चा है। (इस प्रकार हो सकता है कि उनके हृदय में करुणा, ममता का संचार हो जाए और वह अपने ही बच्चे को मारने का पाप करने से बच सकें।) साथ ही धर्माचार्य भी यदि धर्म, ग्रन्थों में कहीं गर्भ के मूल्य की बातों को विज्ञान की कसौटी पर कस कर लोगों के सामने रखें तथ भू्रण हत्या को एक घिनौना, अक्षम्य, पाप के रूप में सबके सामने रखें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जस सकता है। आखिर मानव को भगवान ने कुछ विच्चेष बनाया है उसे विवेक व मन दिया है, जिसका प्रयोग वह प्रभु को स्मरण भजन करने व मोक्ष पाने हेतु कर सकता है। मानव जन्म अनमोल है। इसमें असीम सम्भावनाऐं छुपी हैं। गर्भस्थ शिशु को इस अधिकार से वंचित करके माता-पिता भगवान के ही गुनाहग़ार हो जाते हैं। जब इन्द्र गर्भिणी कयादु का अपहरण कर रहे थे व हिरण्यकच्चिप के शिशु को गर्भ में ही समाप्त करने वाले थे तो नारद मुनि ने उन्हें यही sandesh दिया था कि कयादु के गर्भ में भगवान का भक्त पल रहा था व सही माहौल देकर उन्होंने उस बालक को भक्त प्रहृलाद बना भी दिया। जन-जन तक पहुँचाना आवच्च्यक हो गया है जो कि धर्माचार्य ही कर सकते हैं। माता-पिता बच्चे को जन्म देने का माध्यम हैं उसे सही संस्कार देना महौल देकर उसका सर्वांगणि विकास करना माता-पिता का कर्त्तव्य है जिससे कि बच्चा या बच्ची अपने जीवन में छुपी अपार सम्भावनाओं को साकार कर सके।
Wednesday, January 7, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Labels
Bhagawad
(1)
bible
(17)
diwali
(2)
FAQ
(3)
female
(5)
gandhi
(1)
gita
(8)
guru
(7)
holi
(1)
islam
(6)
jainism
(2)
karma
(1)
katha
(1)
kavita
(26)
meditation
(1)
mukti
(1)
news
(1)
prayer
(10)
rudra
(3)
Rudragiri
(1)
science and vedas
(6)
science and वेदस
(1)
spirituality
(147)
sukh
(6)
tantra
(31)
truth
(28)
vairgya
(1)
vastu
(2)
xmas
(1)
yeshu
(1)
गुरु
(4)
धर्मं
(3)
बोध कथा
(5)
स्पिरितुअलिटी
(2)
2 comments:
प्रभु ये गर्भस्थ च्चिच्चु क्या होता है?????? क्या कुछ टाइपिंग संबंधी समस्या है तो संपर्क करिये आपके तो कई फालोवर्स है वे सुलझा देंगे....
धन्यबाद डा, रूपेश जी गलती को सुधार दिया गया है। इसी प्रकार सहयोग बनाए रखें। पुन: आभार
Post a Comment