चरक किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं है बल्कि कृद्यण यजुर्वेद में उल्लेखित एक आदम जाति का नाम है। चरक संहिता का मुख्य मूलपाठ ईसा से सात सदी पूर्व लिखा गया ऐसा विच्च्वास किया जाता है, यद्यपि इसमें बहुत पूर्व में प्रचलित विद्या का भी समावेच्च है। यह चिकित्सा को आठ भागों में बाँटती हैं। (१) शल्य उपकरण के साथ
(२) छोटे आपरेच्चन सामान्य छेदन के साथ
(३) शरीर का चिकित्सीय उपचार
(४) भूत प्रेतों का उपाय
(५) बच्चे और स्त्री की बीमारियों के सम्बन्ध
(६) उल्टी और काटने का उपचार
(७) स्वास्थ्यवर्धक रसायन
(८) स्वास्थ्य एवं पौरुष वर्धन के उपाय।
1 comment:
Garv ka vishay hai.........
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