आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Saturday, February 7, 2009

प्रेम का दो हमको वरदान।


प्रेम का दो हमको वरदान।
प्रेम का कोई सदा व्यवहार॥
प्रेम................
पल-पल आज दिवस रजनी सा।
कर दो इसे आज आदित्य सा॥
पे्रम................
करें हम अपना आत्मा सुधार।
हमको दो सेवा का भार॥
प्रेम.................
सबको दें हम पूर्व सम्मन।
कोई हम सबसे अहर्निश प्यार॥
प्रेम......................
प्रस्तुति : अंजली शर्मा

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