आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Sunday, February 1, 2009

धर्म या अध्यात्म की शक्ति सर्वोपरि है, जो अपने सही कर्म करवाती है।

अभिमंत्रित, मंत्रोपचारित पेंडुलम के द्वारा की जाने वाली हाउजिंग ही यहाँ आपकी मदद कर सकती है। यह आपके लिए अति सूक्ष्म एक्सरे मशीन का कार्य करती है। व्यक्ति आपके सामने हो या न हो, डाउजिेग के माध्यम से उसके गर्भ में आने से लेकर वर्तमान एवं भविष्य की स्थिति तक की संपूर्ण जानकारी निकाली जा सकती है। यदि जन्म है, मृत्यु है, आकाश है, पृथ्वी है, विज्ञान है तो ये सब भी हैं। डाउजिंग एस्ट्रोलॉजर एवं आध्यात्मिक मंत्र साधक के लिए अनहोनी को होनी करना असंभव नहीं है। कहने का तात्पर्य है कि धर्म या अध्यात्म की शक्ति सर्वोपरि है, जो अपने सही कर्म करवाती है। बिना धर्म तो कर्म अपूर्ण है। एक बार स्थितियों की गहराई तक पहुँचते ही कार्य शुरू किया जा सकता है। कुछ लोग कहते हैं कि भूतप्रेत, तंत्रमंत्र कुछ नहीं होता, किसी ने देखा है क्या? लेकिन देखा तो ईश्वर को भी नहीं है, परंतु उन पर भी सभी की अटूट श्रद्धा है। देखा तो हवा को भी किसी ने नहीं है, लेकिन महसूस तो सभी करते हैं। मंत्रों का प्रभाव मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्ति के प्रभाव का आधार मंत्र ही तो है क्योंकि बिना मंत्रसिद्धि यंत्र हो या मूर्ति अपना प्रभाव नहीं देती। मंत्र आपकी वाणी, आपकी काया, आपके विचार सभी को प्रभावपूर्ण बनाते हैं। इसलिए हीलिंग को मंत्रों से जोड़कर उसे सर्वशक्तिदायक बनाया।

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