दिव्य, ज्ञानधन, तेजमय कृपा सिन्धु महाराज।
श्री श्री गुरुतर रुद्र जी पूरण करिए काज॥
रुद्र शरण, सेवा-चरण ज+ाके मन का ध्येय।
उसकी रक्षा सर्वविधि करते आप सनेह॥
गुरु का मान बखानते, वेद-पुराण अनन्त।
ऐसे सच्चे गुरु मिले, जैसे रुद्र भगवन्त॥
दिव्य, ज्ञानधन, तेजमय कृपा सिन्धु महाराज।
श्री श्री गुरुतर रुद्र जी पूरण करिए काज॥
रुद्र शरण, सेवा-चरण ज+ाके मन का ध्येय।
उसकी रक्षा सर्वविधि करते आप सनेह॥
गुरु का मान बखानते, वेद-पुराण अनन्त।
ऐसे सच्चे गुरु मिले, जैसे रुद्र भगवन्त॥
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