आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Saturday, April 25, 2009

गुरु का मान बखानते, वेद-पुराण अनन्त।


दिव्य, ज्ञानधन, तेजमय कृपा सिन्धु महाराज।

श्री श्री गुरुतर रुद्र जी पूरण करिए काज॥

रुद्र शरण, सेवा-चरण ज+ाके मन का ध्येय।

उसकी रक्षा सर्वविधि करते आप सनेह॥

गुरु का मान बखानते, वेद-पुराण अनन्त।

ऐसे सच्चे गुरु मिले, जैसे रुद्र भगवन्त॥

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