आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Saturday, August 30, 2008

सप्ताह का विचार

गुरु कहते हैं -
सौ बार कोई गाली दे फिर भी तुम्हारा निष्काम भाव वैसा ही बना रहे ,और उसके दर पर निष्काम सेवा जारी रहे ,तब समझना कि तुम पूंर्ण निष्कामी हो ।

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