दाता दयाल तू इतनी कृपा कर
------ कि जब मुझ पर तेरी अनुकम्पा बरसे
***** तो मैं इतराऊँ नहीं।
-------और जब मेरे गुनाहों का फल मुझे मिले
****** तो मैं घबराऊँ नहीं.
दाता दयाल तू इतनी कृपा कर
------ कि जब मुझ पर तेरी अनुकम्पा बरसे
***** तो मैं इतराऊँ नहीं।
-------और जब मेरे गुनाहों का फल मुझे मिले
****** तो मैं घबराऊँ नहीं.
1 comment:
amen!
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