आधयात्मिक मूल्यों के लिए समर्पित सामाजिक सरोकारों की साहित्यिक पत्रिका.

Saturday, May 2, 2009

गुरु ज्ञान जो हृदय में आए, ...............

गुरु ज्ञान जो हृदय में आए, मन के सारे भरम नसाए॥
गुरु चरणन में प्रीत घनेरी, समझो माया उसकी चेरी॥
रुद्राज्ञा में जो जन चलते, कलियुग उनके पास न फटके॥
दिव्य रुद्र का ध्यान जो धरते, चमत्कार नित देखा करते॥
चरणन में जो शीश नवाए, परम पद का मारग पाए॥

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