२१ मई को योग दिवस के अवसर पर देश और विदेशों में करोड़ों लोगों ने योग किया. यह एक शुभ संकेत है। भारत एक सनातन मूल्यों का देश है। हमारे मनीषियों ने देश धर्म की दीवारों से परे जाकर जन कल्याण के लिए कार्य किया है। योग को किसी पंथ देश या दल की सीमाओं में बांधना शुभ संकेत नहीं है। अलग अलग धर्म के लोग इसे अलग अलग तरीकों से करते जरूर है। परन्तु इसे योग नाम देने से उन्हें साम्प्रदायिकता की बू आने लगती है।
मेरा मनना है की चाहे कोइ किसी रूप में करे योग तो सब को निरोग करता है।
मेरा मनना है की चाहे कोइ किसी रूप में करे योग तो सब को निरोग करता है।
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