tag:blogger.com,1999:blog-545743458984125074.post4603708730071197088..comments2023-09-11T06:05:32.719-07:00Comments on Rudra Sandesh: आत्मा के अलावा और कुछ सत्य नहींDr. Sanjay Kumarhttp://www.blogger.com/profile/06002733907024393242noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-545743458984125074.post-45428327769200731312008-10-25T21:25:00.000-07:002008-10-25T21:25:00.000-07:00@आत्मा ही केवल एक सत्ता है और उसके अतिरिक्त कुछ भी...@आत्मा ही केवल एक सत्ता है और उसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं है।<BR/><BR/>याज्ञवल्क्य ब्रह्मज्ञानी थे. मैं एक आम आदमी की बात करता हूँ, जो आत्मा को व्यक्त जगत् के रूप में देखने या जानने के कार्य में उलझा रहता है. यही जीवन है और इसी के लिए ईश्वर ने उसे यहाँ भेजा है. वह उलझता है, सुलझता है, फ़िर उलझता है, फ़िर सुलझता है, और एक दिन ईश्वर में लीन हो जाता है. अगर सब जन्मते ही ज्ञानी हो गए होते तब इस संसार का कोई मतलब नहीं रह जाता.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-545743458984125074.post-54615419016329899562008-10-25T20:39:00.000-07:002008-10-25T20:39:00.000-07:00आत्मा के अतिरिक्त उससे भिन्न या बाहर कोई अन्य वस्त...आत्मा के अतिरिक्त उससे भिन्न या बाहर कोई अन्य वस्तु नहीं है, उसके किसी अंश का ज्ञान प्राप्त करना पूर्ण का ज्ञान प्राप्त करना है, <BR/>बहुत खूब <BR/>अच्छा लेख.vangmyapatrikahttps://www.blogger.com/profile/05065900084189339880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-545743458984125074.post-38465961156865418522008-10-21T07:30:00.000-07:002008-10-21T07:30:00.000-07:00Lazvaab likhaa hai.Lazvaab likhaa hai.Anonymousnoreply@blogger.com